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लील खो-रुआ खे-खेल (भाग – 2)
लील खो-रुआ खे-खेल (भाग – 2)
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पुस्तक का नाम: लील खो-रुआ खे-खेल (भाग – 2)
उपशीर्षक: कुंडुख उड़ी अया बुडुर नखरना (An Uraon Song Book with a Preface)
विवरण (हिंदी में):
यह पुस्तक उराँव जनजाति के पारंपरिक गीतों और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का संकलन है। "लील खो-रुआ खे-खेल" का अर्थ है नृत्य-गीत और खेल-कूद, जो उराँव समाज की जीवंत सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। इस गीत-संग्रह में विभिन्न पारंपरिक त्योहारों, सामाजिक आयोजनों और रीतियों से जुड़े गीतों को संरक्षित किया गया है।
पुस्तक में रंगीन चित्रों के माध्यम से उराँव समाज की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की गई है, जो पाठकों को उनके जीवन के करीब ले जाती है। यह संग्रह न केवल एक सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी है।
विशेषताएँ:
उराँव गीतों का संकलन
पारंपरिक वेशभूषा और नृत्य की छवियाँ
संस्कृति, परंपरा और लोक जीवन का चित्रण
शोधार्थियों, सांस्कृतिक प्रेमियों और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
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