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चाला अखड़ा खूज्का डुंडी
चाला अखड़ा खूज्का डुंडी
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📖 चाला अखड़ा खूज्का डुंडी
लेखक: वासंती कुमारी कष्णा, नागराज उरांव
📚 पुस्तक विवरण (हिंदी में):
"चाला अखड़ा खूज्का डुंडी" एक अद्भुत सांस्कृतिक और शैक्षिक पुस्तक है, जो आदिवासी समाज विशेषकर उरांव समुदाय की पारंपरिक नृत्य, गीत, और सांस्कृतिक अभ्यासों को सीखने और सिखाने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
पुस्तक का शीर्षक ही अपने आप में एक निमंत्रण है — “चला अखड़ा में, नृत्य और गीत सीखने की सीढ़ी पर।”
"अखड़ा" आदिवासी समाज में सामूहिक सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र होता है, जहाँ लोग गीत, नृत्य और संवाद के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ते हैं।
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🌟 मुख्य विशेषताएं:
कुड़ुख भाषा में पारंपरिक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति
नृत्य शैलियों, गीतों के बोल, ताल और लय का विवरण
चित्रों और वर्णन के माध्यम से व्यावहारिक अभ्यास हेतु मार्गदर्शन
संस्कृति संरक्षण और नई पीढ़ी में जागरूकता लाने का प्रयास
स्कूलों, सांस्कृतिक समूहों और प्रशिक्षण कार्य
क्रमों के लिए उपयोगी सामग्री
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